रोज़ाना चार-पांच तरह के फल और सब्ज़िओ को भोजन में करे शामिल

Dr. Neeraj Arora – Consultant Neonatology & Pediatrics

तेज़ी से बदलती लाइफस्टाइल, जंक फ़ूड की बढ़ती संस्कृति, बढ़ती समृद्धि और जागरूकता का आभाव आदि कुछ ऐसे कारण है, जिनसे  भारत में मोटापे की महामारी बढ़ती जा रही है लेकिन इस और कोई धयान नहीं दे रहा। इस बारे कोलंबिया एशिया अस्पताल पटियाला के शिशु अवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ नीरज अरोड़ा ने कहा की पटियाला यूनिवर्सिटी द्वारा करवाई गयी स्टडी के मुताबिक ये बात सामने आयी है की पंजाब में 13 प्रतिशत लोग मोटापे का शिकार है और इसमें बच्चों का अनुपात काफी ज्यादा है   

डॉ नीरज अरोड़ा ने कहा की अधिक समय तक टीवी देखना खतरनाक: मोटापे की पारिवारिक पृष्टभूमि, हाई कैलोरी खाद्य पदार्थो का सेवन, शारारिक निषिक्रयता और दिनभर में ३ घंटे से अधिक समय तक टेलीविज़न या कंप्यूटर के सामने बैठने की आदते मोटापा बढ़ने के कारण है। इस लिए इसमें सुधार लाना ज़रूरी है। क्योकि आने वाले समय में ये बच्चो के लिए खतरा बन सकता है।

डॉ नीरज ने कहा की पटियाला जैसे शहरों के लिए स्कूली बच्चो में मोटापा एक बड़ी चिंता है। कई सारे बच्चो की आंशुवांशिक प्रवत्ति या मेटाबोलिज्म प्रक्रिया के कारण भी उन्हें मोटापे की समस्या होती है। ऐसे माँ-बाप को अपने बच्चे के खानपान पर अतिरिक्त धायब देना चाहिए।  प्रतिदिन पांच प्रकार के फल और सब्ज़िओ को भोजन में शामिल करना चाइये। टीवी देखने या कंप्यूटर पर या वीडियो गेम्स खेलने जैसे गतिविदियों में कमी लानी चाहिए।  बच्चे डांस, मार्शल आर्ट्स, साइकिलिंग या टहलने जैसी किसी भी पसंदीदा गतिविधियों में हिस्सा ले सकते है।

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