40 की उम्र में एसिडिटी शुरू होने पर लापरवाही न बरतें -डॉ जी एस सिद्धू

पटियाला, 40 साल की उम्र के बाद एसिडिटी शुरू होने पर इसको नज़रअंदाज़ न करेंI एसिडिटी एक बड़ी बीमारी का संकेत हो सकती है I इसकी बजह एंडोस्कोपी से डायग्नोज़ की जा सकती है I बहीं पेट दर्द लगातार बना हुआ है और दबाइयाँ लेने के बाद भी आराम नहीं मिल रहा है तो भी एंडोस्कोपी करवाने में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिएI एंडोस्कोपी टेस्ट द्वारा पहली स्टेज पर यह बीमारी पकड़ में आने पर इलाज़ संभव हैI जबकि चौथी स्टेज में पता लगने पर इसका इलाज़ संभव नहीं हैI

कोलंबिया एशिया अस्पताल के कंसलटेंट गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट डॉ जी एस सिद्धू ने बताया की एंडोस्कोपी के जरिये आजकल डायग्नोज़ करके आजकल इलाज़ किया जा रहा हैI इंजेक्शन थेरेपी से ब्लीडिंग रोकने, उल्टियां होने पर बंद लगाना, नस फटने पर एंडोस्कोपी से क्लिप लगाकर ब्लीडिंग कण्ट्रोल करना, और ई आर सी पी तकनीक से पित्त की नली की पथरी निकालने का इलाज़ किया जाता हैI कैंसर के कारण पित्त की नली में ब्लॉकेज और फ़ूड पाइप कैंसर में स्टंट डालने पर पेशेंट डाइट लेना शुरू कर देता हैI ज्यादा गैस और एसिडिटी रहने, पेट का फूलना, लम्बे समय तक हिचकी आना, उलटी में खून आना, पुरुषों में खून की कमी या उनका अनीमिक होना, बजन घटना, बार बार फ़ूड पाइप में खाना अटकना, दबाइयाँ लेने के एक सप्ताह बाद तक उल्टियां कण्ट्रोल न होना, नोज़िआ या उलटी जैसा मन हमेशा बना रहना आदि इसके लक्षण हैं और ऐसे लोगों को तुरंत डाक्टरी सलाह लेनी चाहिएI